निजी जीवन की सहज अनुभूतियों को कविता में गहन आवेग के साथ प्रस्तुति की उनकी खासियत को बहुधा लक्षित किया गया है.
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इन कविताओं में विरल किस्म का जो गहन आवेग और रागमयी गर्माहट का अहसास है वह खुशबू जी के काव्यात्मक सरोकारों की रेंज को बड़ा तो बनाते ही हैं, बहुआयामी भी बनाते हैं ।